हरियाणा में बिना बिमा के वाहन चलाना पड़ेगा भारी, हाईकोर्ट ने जारी किया ये आदेश
हरियाणा में बिना बीमा वाहन चलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह निर्णय 25 जुलाई 2024 को लिया गया, जब हाईकोर्ट ने सड़क पर बिना बीमे के वाहनों से होने वाले हादसों के पीड़ितों को मुआवजा देने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए। अदालत ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ की सरकारों से पूछा कि क्यों न उन्हें ऐसे मामलों में पहले पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए बाध्य किया जाए।
Main Points
बिना बीमा वाले वाहनों का मुद्दा
हरियाणा में सड़क पर बिना बीमा के चल रहे वाहनों की संख्या चिंताजनक है। यह स्थिति न केवल सड़क सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि इससे होने वाले हादसों में पीड़ितों को मुआवजा मिलने में भी देरी होती है। हाईकोर्ट ने इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करते हुए कहा कि राज्य सरकार को बिना बीमा वाले वाहनों को सड़कों पर नहीं चलने देना चाहिए।
हाईकोर्ट का आदेश
फरीदकोट मोटर एक्सीडेंट क्लेष ट्रिब्यूनल से जुड़ा एक मामला हाईकोर्ट में पहुंचा था। इसमें ट्रिब्यूनल ने एक बिना बीमा वाले वाहन के कारण हुए हादसे में 26 लाख रुपये मुआवजा तय किया था। इस पर वाहन के मालिक ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। अदालत ने इस मामले में सुनवाई करते हुए पूछा कि जब राज्य बिना वैध बीमा के वाहनों को चलाने की अनुमति दे रहा है, तो क्यों न पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए पहले राज्य को बाध्य किया जाए।
पीड़ितों के अधिकार
हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि पीड़ितों को बिना बीमा वाले वाहनों से होने वाले हादसों में मुआवजा मिलना चाहिए। अदालत ने स्पष्ट किया कि राज्य की जिम्मेदारी है कि वह सड़क पर बिना बीमा वाले वाहनों को न चलने दे। इससे यह स्पष्ट होता है कि यदि कोई व्यक्ति बिना बीमा के वाहन चलाता है और उसके कारण कोई हादसा होता है, तो उसे पहले मुआवजा देने की जिम्मेदारी राज्य की है।
सरकार का अधिकार
हालांकि, अदालत ने यह भी कहा कि बाद में राज्य सरकार को वाहन के मालिक और ड्राइवर से मुआवजे की राशि वसूल करने का अधिकार दिया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि पीड़ितों को तुरंत सहायता मिले, जबकि राज्य बाद में दोषियों से वसूली कर सके।